व्यापार मेले में लुभा रही हैं ग्रामीण महिलाओं की बनाई लाइटें
प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के यूपी पवेलियन में लकड़ी व बांस की मदद से ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई लाइटें आपको अपनी ओर जरूर आकर्षित करेंगी।
टेबल लैंप से लेकर सजावट के लिए लाइटिंग की चीजों को बांस और लकड़ी से बनाया गया है। पेड़ के आकार की सजावटी लाइट देखने में काफी मनमोहक है। वहीं बांस के बीच में लाइट लगाकर तैयार किए गए सजावटी सामान को आप खरीदे बिना नहीं रह सकते हैं।
इन सामानों को एलईडी लाइट बनाने वाली एक कंपनी वीएस एनर्जी तैयार करवाती है। इसमें खास बात यह है कि कंपनी इन लाइटों को ग्रामीण महिलाओं से बनवाती है। इसके लिए कंपनी सरकारी योजना के तहत इन्हें ट्रेनिंग देती है। ट्रेनिंग देने के बाद महिलाओं को डिजाइन बताया जाता है और इन्हें एलईडी बल्ब मुहैया कराए जाते हैं।
कंपनी का मकसद महिलाओं को स्वावलंबी बनाना
पेशे से इंजीनियर व कंपनी के मालिक विवेक ने बताया कि उनका मकसद गांव की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का है। साथ ही उन्हें रोजगार प्रदान करना है ताकि रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन न करें। विवेक ने बताया कि वह मूलत: गोरखपुर के रहने वाले एक किसान के बेटे हैं।
इंजीनियरिंग करने के बाद छोटे- छोटे बिजली के समान बनाने लगे। 2018 में वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद ग्राम लाइट योजना के तहत गांव में रहने वाली महिलाओं के समूह को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। विवेक के मुताबिक कंपनी का मकसद गांव में ही उपकरण को तैयार कर बाजार में बेचने का है।
उनका कहना है कि गांव में बने बिजली के सामान की मांग भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। कंपनी नाइजीरिया और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग प्रोग्राम करने वाली है।
गौतमबुद्ध नगर के जेल के कैदी का हुनर भी शामिल
कंपनी के मालिक ने बताया कि सरकारी योजना के तहत वह गौतमबुद्ध नगर स्थित जेल में भी 60 कैदियों को भी लाइट बनाने की ट्रेनिंग दे रहे है। ट्रेनिंग लेने के बाद कैदी जेल में ही बताए हुए डिजाइन पर अपनी कारीगरी दिखाते है। खास बात यह है कि जेल से निकले कैदी अपने इस हुनर के जरिये अपने गांवों में बिजली के सामान को बनाकर उसे अपने बाजार में बेच रहे हैं।