अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री की प्रक्रिया 16 दिसंबर से, सीमांकन पोर्टल लॉन्च
तमाम सियासी उठापटक के बीच केंद्र सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने की तारीख 16 दिसंबर तय कर दी है। दिल्ली की 1,731 कालोनियों में रहने वाले लोग डीडीए के नए पोर्टल पर इस दिन से रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे।
आवेदन के 180 दिन के भीतर लोगों को रजिस्ट्री मिल जाएगी। उधर, शनिवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कॉलोनियों के सीमांकन के लिए एक अन्य पोर्टल लांच किया।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों के निवासी संपत्ति पर मालिकाना हक साबित करने वाले दस्तावेज, जैसे जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी, एग्रीमेंट टू सेल, भुगतान और पजेशन लेने से जुड़े दस्तावेज अपलोड करेंगे।
इसके बाद डीडीए की एक टीम मौके का मुआयना कर आपत्तियों का निपटारा करेगी। संपत्ति सही मिलने पर डीडीए लोगों को कन्विंस डीड देगा। इसे लेकर संपत्ति मालिक राजस्व विभाग में रजिस्ट्री के लिए आवेदन करेंगे। यहां स्टांप ड्यूटी जमा करने पर रजिस्ट्री हो जाएगी।
हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि कॉलोनियों को नियमित करने की अधिसूचना में सिस्टम तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया गया था। यह 23 जनवरी को पूरा हो रहा है।
इससे डेढ़ महीने पहले ही डीडीए पूरा सिस्टम तैयार कर लेगा। वहीं, दस्तावेज अपलोड करने से लेकर रजिस्ट्री होने तक के बीच का समय करीब तीन महीने का है। लोगों को अपने मकान पर मालिकाना हक भी तयशुदा समय से पहले मिल जाएगा।
आवेदन के 180 दिन के भीतर लोगों को रजिस्ट्री मिल जाएगी। उधर, शनिवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कॉलोनियों के सीमांकन के लिए एक अन्य पोर्टल लांच किया।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों के निवासी संपत्ति पर मालिकाना हक साबित करने वाले दस्तावेज, जैसे जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी, एग्रीमेंट टू सेल, भुगतान और पजेशन लेने से जुड़े दस्तावेज अपलोड करेंगे।
इसके बाद डीडीए की एक टीम मौके का मुआयना कर आपत्तियों का निपटारा करेगी। संपत्ति सही मिलने पर डीडीए लोगों को कन्विंस डीड देगा। इसे लेकर संपत्ति मालिक राजस्व विभाग में रजिस्ट्री के लिए आवेदन करेंगे। यहां स्टांप ड्यूटी जमा करने पर रजिस्ट्री हो जाएगी।
हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि कॉलोनियों को नियमित करने की अधिसूचना में सिस्टम तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया गया था। यह 23 जनवरी को पूरा हो रहा है।
इससे डेढ़ महीने पहले ही डीडीए पूरा सिस्टम तैयार कर लेगा। वहीं, दस्तावेज अपलोड करने से लेकर रजिस्ट्री होने तक के बीच का समय करीब तीन महीने का है। लोगों को अपने मकान पर मालिकाना हक भी तयशुदा समय से पहले मिल जाएगा।
विशेषज्ञ टीम तैयार कर रही नक्शा
अनधिकृत कॉलोनियों के नक्शेे बनाने का काम सर्वे ऑफ इंडिया, डीडीए और राजस्व विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से कर रहे हैं। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया से 2015 तक के सेटेलाइट मैप लिए गए हैं।
इन मैप का 2008 में आरडब्ल्यूए की तरफ से दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराए गए मैप से मिलान किया जा रहा है। अब तक 40 कॉलोनियों के नक्शे वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं।
जल्द ही इनकी संख्या 500 के करीब हो जाएगी। आगे धीरे-धीरे सभी कॉलोनियों का नक्शा अपलोड होगा। जो नक्शा तैयार किया जा रहा है, उसमें किसी भी कॉलोनी का जनवरी, 2015 तक का एक्सटेंशन ही शामिल किया गया है।
इस तरह आगे बढ़ेगी प्रक्रिया
इन मैप का 2008 में आरडब्ल्यूए की तरफ से दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराए गए मैप से मिलान किया जा रहा है। अब तक 40 कॉलोनियों के नक्शे वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं।
जल्द ही इनकी संख्या 500 के करीब हो जाएगी। आगे धीरे-धीरे सभी कॉलोनियों का नक्शा अपलोड होगा। जो नक्शा तैयार किया जा रहा है, उसमें किसी भी कॉलोनी का जनवरी, 2015 तक का एक्सटेंशन ही शामिल किया गया है।
इस तरह आगे बढ़ेगी प्रक्रिया
- किसी भी अनधिकृत कॉलोनी में घरों की कटऑफ डेट जनवरी, 2015 तक है। इसके बाद के घर नियम से बाहर हैं।
- वेब पोर्टल पर अपलोड मैप देखकर आरडब्ल्यूए अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी।
- मालिकाना हक के लिए 16 दिसंबर से लांच होने वाले पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
- दावे की जांच के लिए डीडीए की टीम मौके का मुआयना करेगी। सब ठीक होने पर मालिक को कन्विंस डीड मिलेगी।
- इसके बाद राजस्व विभाग में रजिस्ट्री के लिए आवेदन करना होगा। यहां स्टांप ड्यूटी जमा करने पर रजिस्ट्री हो जाएगी।